वो लड़की! (Updated)


​​
छम्म सी​ पायलिया उसको ​लुभाए, ​घुंघरू की गुंजन से ​वो जाने क्यूँ घबराए ?

झाँसी की रानी सी आए, ​खौफ़​ -ए-रुखसत दिखाये,​ छिछोरों की शामत आ जाए।
​विश्रंभ की​ धनी यह लड़की पल-पल ​भ्रमित हो जाये, हालाँकि हाथ उठाये तो कुछ भी कर जाए।
​​
इतराती​ सी वो, बार-बार शरमाये​, अगर हस जाए, तो दिल ​जाने ​कितनों के ले जाए।
​​
​​​फ़ितरत की बात ​अब ​मैं क्या करूँ, सामने आये तो माहौल ​ख़ुशनुमा ​बना जाए​।

​वो ​सुन्दर​, प्यारी सी लड़की, दिल में ​आए, तो कलम भी ये लिख जाए​।​

***